जिओ कर रहा है रणनीति पर काम
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक ऑनलाइन रीटेल में दबदबा बनाने के लिए मुकेश अंबानी ने जियो वाली स्ट्रैटिजी अपनाई है। चार साल पहले 2016 में जब जियो आई थी तो लोगों को मुफ्त में कॉलिंग और 2 डॉलर यानी करीब 150 रुपये में सस्ता डेटा की आदत लगाई गई। आज जियो के सबसे ज्यादा यूजर्स हैं और वोडाफोन आइडिया बंद होने के कगार पर है, जबकि एयरटेल के लिए सर्वाइव करना मुश्किल हो रहा है।
बिक्री रेकॉर्ड
ऑनलाइन खुदरा बिक्री के रिकॉर्ड के इस उत्सव का मौसम पर। दशहरा पर आयोजित फेस्टिव सेल में शुरुआती चार दिनों मे ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट ने करीब 29000 करोड़ रुपये की बिक्री की। दिवाली से पहले जियोमार्ट पर सेल का आयोजन किया गया है। यहां फेस्टिव प्रॉडक्ट पर 50 फीसदी तक की छूट ऑफर की जा रही है।
ऑफलाइन की तुलना में अधिक 12,000 रिटेल आउटलेट
मुकेश अंबानी, खुदरा क्षेत्र में एक अलग व्यवसाय है। रिलायंस कई सैमसंग तेजी से ज्यादा प्रतियोगियों की तुलना में सस्ता व्यापार स्मार्टफोन। बस थोक और रसद कारोबार के साथ बाजार रिलायंस रिटेल भविष्य समूह खरीदते हैं। हालांकि इस Aemjon सिंगापुर अदालत को रोकने के लिए अपील पर चला गया भी इस समझौते पर रहने लगा दिया। अब 12,000 से अधिक खुदरा Uautlet रिलायंस की ऑफ़लाइन नेटवर्क। भू उन 40 लाख से भी अधिक है और कंपनी फेसबुक के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। वह डेटा बेस में है और अमीर ग्राहक बहुत आसान हो गया है।
रिलायंस रिटेल अब तक 6 अरब के रूप में
जियो में विनिवेश के जरिए मुकेश अंबानी ने 20 अरब डॉलर जुटाए और रिलायंस इंडस्ट्रीज को नेट डेट फ्री बनाया। अब रिलायंस रीटेल में विनिवेश हो रहा है और अब तक 6 अरब डॉलर का निवेश आ चुका है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी अरामको रिलायंस के ऑयल और केमिकल बिजनेस में 20 फीसदी हिस्सेदारी खरीद सकती है। कुल मिलाकर रीटेल सेक्टर में जियो जैसी सफलता हासिल करने के लिए मुकेश अंबानी के पास फंड का अभाव नहीं होगा। कंपनी कर्जमुक्त पहले हो चुकी है। रिलायंस रीटेल का विनिवेश जारी है और सऊदी अरामको से होने वाली डील की रकम बहुत बड़ी होगी।
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